भारतीय संसद में जम्मू-कश्मीर में लागू धारा 370 को खत्म करने का प्रस्ताव पेश कर दिया है. वहीं, आर्टिकल 35ए को समाप्त कर दिया गया है. गृहमंत्री अमित शाह ने सोमवार को धारा 370 को खत्म करने का प्रस्ताव पेश किया. हालांकि, इस प्रस्ताव पर विपक्ष ने जोरदार विरोध किया. लेकिन कई विरोधी पार्टियों ने इस का समर्थन भी किया है.
धारा 370 को खत्म करने के प्रस्ताव के बाद देश में इस पर चर्चा का विषय बन गया है. इस प्रस्ताव से जम्मू कश्मीर में बड़े फायदे की चर्चा हो रही है. साथ ही इससे क्या नुकसान होगा इस पर भी चर्चा हो शुरू हो गई है.
प्रत्यक्ष रूप से धारा 370 को निरस्त करने के बाद कई फायदे दिख रहे हैं. जहां जम्मू कश्मीर में भारतीय कानून लागू हो जाएगा, वहीं यहां कई हिस्सों में जहां विकास कोसो दूर है वह मुख्य धारा से जुड़ जाएंगे.
जम्मू कश्मीर ने शिक्षा व्यवस्था तेजी से विकसीत होगी, क्यों कि यहां प्राइवेट स्कूल कॉलेज खोले जा सकेंगे. अस्पताल और अन्य इनवेस्टमेंट किए जा सकेंगे. क्यों कि अब तक किसी बाहरी को यहां संपत्ति खरीदने का अधिकार नहीं था. इस वजह से यहां लोग इनवेस्टमेंट करने नहीं जाते थे. कोई यहां काम करने नहीं जाता था कि नौकरी करने के बाद भी वहां वह स्थाई रूप से नहीं रह पाता था. अब यह संभव हो सकेगा.
अगर इंफ्रास्ट्रक्चर पर बाहर से इनवेस्ट होंगे तो यहां लोगों को रोजगार और सुविधाएं प्राप्त होगी. वहीं, भारतीय कानून के अनुसार अल्पसंख्यकों को आरक्षण मिलेगा. जो अभी तक यहां नहीं दिया जा रहा था. बच्चों को शिक्षा का अधिकार मिलेगा. घाटियों के बच्चों को शिक्षा का अधिकार प्राप्त होगा. बताया जा रहा है कि मूलभूत सुविधाएं यहां हर किसी को मिल सकेगी.
हालांकि, धारा 370 के निरस्त करने के बाद कई जमीनी नुकसान की भी बात कही जा रही है.
ऐसे इसलिए क्योंकि, यहां पर बाहरी लोगों को संपत्ति खरीदने का अधिकार नहीं था. लेकिन अब गरीबों पर संपत्ति बेचने का दवाब बनाया जा सकता है. बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर होने पर यहां छोटे उद्योग खत्म हो जाएंगे. यहां पर्यटनों का जमावड़ा होता है और गरीबों में इससे बड़ी आमदनी होती है. अगर बाहर से आकर थ्री स्टार और फाइव स्टार होटल खोले जाएंगे तो छोटे लोगों की बिक्री अच्छी नहीं होगी.
कहा जाता है कि एक सीजन में जब घुमनेवाले जगहों पर पर्यटक आते हैं तो यहां के काम करने वाले लोग एक साल तक का खर्च इससे जुटा लेते हैं. ऐसे में बड़े होटलों में उन्हें काम नहीं मिलेगा और उनके रोजगार खत्म हो जाएंगे. स्थानीय गरीब लोगों के लिए भविष्य में बड़ा संकट पनप सकता है.
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें